जिस तरह छिपकली पूंछ छोड़कर भागती है, हो सकता है छिपकली देखने में डरावनी लगती है। दीवारों पर चलती छिपकलियों को देखकर बच्चे अकसर डर जाते हैं। यह अपनी पूंछ का वह हिस्सा छोड़कर भाग जाती है और दुश्मन के चंगुल से अपने को बचा लेती है। कटी हुई पूंछ थोड़ी देर तक छटपटाती रहती है। कुछ ही दिनों में छिपकली के नई पूंछ उग आती है।

छिपकली अपनी पूंछ कैसे अलग करती है
छिपकली द्वारा पूंछ छोड़ने का गुण एक ऐच्छिक गुण है। इसकी पूंछ की हड्डियां दूसरी हड्डियों के साथ ढीले रूप में जुड़ी होती हैं इसलिए पूंछ इसके शरीर से आसानी से अलग हो सकती है। पूंछ कटने पर खून भी नहीं निकलता है क्योंकि इसकी रक्त कोशिकाओं के अंतिम सिरे लगभग बंद होते हैं। इन सब कारणों से इसे अपनी पूंछ शरीर से अलग करने में कष्ट नहीं होता है और पूंछ कटने पर इसे चलने में भी कोई परेशानी नहीं होती।
अब तक छिपकली की 25,000 से अधिक किस्मों का अध्ययन किया जा चुका है। आमतौर पर सभी छिपकलियों के शरीर को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है सिर, धड़ और पंछ। लगभग सभी छिपकलियों की चार टांगें होती हैं और ये अंडे देती हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जो बच्चे पैदा करती हैं। ये कीड़े-मकोड़े खाकर जिंदा रहती हैं। इनका आकार अलग-अलग होता है। इनकी कुछ जातियां तो ऐसी हैं, जिनकी लम्बाई 3 मीटर तक होती है। ये देखने में बड़ी भयानक लगती हैं और बड़े-बड़े जानवरों को अपनी पूंछ में लपेटकर मार देती हैं। आमतौर पर छिपकली संसार के सभी गर्म देशों में पायी जाती है।
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छिपकली पूंछ छोड़कर भागती है छिपकली की तरह केकड़ों की भी कई जातियां ऐसी होती हैं, जिन्हें अपने पैर छोड़ने पर कोई कष्ट नहीं होता। जब कोई मछली केकड़े की टांगें पकड़ती है तो वह अपनी टांगें मछली के मुंह में छोड़ कर भाग जाता है। यह कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके सहारे बहुत से जानवर अपने को जीवित रख पाते हैं।