दूध का रंग सफेद क्यों दिखता है जब सूर्य के प्रकाश में दूध अथवा दही का रंग सफेद दिखाई देता है, लेकिन यदि दूध को लाल प्रकाश में देखा जाए तो इसका रंग लाल दिखाई देने लगेगा और हरे या नीले प्रकश में देखने पर इसका रंग हरे या नीले रंग का दिखाई देगा। क्या आप जानते है ऐसा किस केकारण होता है?

दूध का रंग सफेद किस कारण से होता है
हम जानते हैं कि सूर्य का प्रकाश जो देखने में रंगहीन लगता है वास्तव में सात रंगों से मिलकर बना है। ये रंग हैं बैंगनी (Violet), जामुनी (Indigo), नीला (Blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange) और लाल (Red) है. अगर हम चाहे तो इन रंगों को एक प्रिज्म की सहायता से अलग-अलग किया जा सकता है। किसी भी चीज का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि उस वस्तु से कौन सा रंग परावर्तित होकर हमारी आंखों तक पहुंच रहा है। वस्तु से जो रंग परावर्तित होकर हमारी आंख तक पहुंचेगा, वस्तु हमें उसी रंग की दिखाई देगी। इसलिए दूध का रंग सफेद क्यों दिखता है
सफेद रंग सफेद क्यों दिखाई देता है?
दूध और दही के अणुओं की रचना कुछ ऐसी है कि ये इन सात रंगों में से किसी भी रंग को नहीं सोखते (Absorb), बल्कि सभी रंगों को परावर्तित कर देते हैं। अतः जब दूध-दही पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो इसमें उपस्थित सभी रंग परावर्तित होकर हमारी आंखों तक पहुंच जाते हैं। चूंकि इन सातों रंगों का मिश्रण सफेद रंग पैदा करता है, इसलिए दूध या दही का रंग हमें सफेद दिखाई देता है। जब दूध या दही को हम लाल प्रकाश में देखते हैं तो इनके अणुओं से लाल रंग परावर्तित हो जाता है और दूध का रंग लाल दिखाई देने लगता है। इसी प्रकार हरे रंग के प्रकाश में हरे रंग के परावर्तन के कारण दूध या दही का रंग हरा दिखाई देता है।
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यही बात दूसरी वस्तुओं के विषय में भी सत्य है। जो रंग वस्तु द्वारा परावर्तित होकर हमारी आंख तक पहुंचेगा वह वस्तु हमें उसी रंग की दिखाई देगी।