इटली के पीसा (Pisa) नामक शहर में एक बहुत ही सुन्दर मीनार है जो जमीन पर सीधी खड़ी न होकर कुछ इ झुकी हुई है। इसी कारण हजारों लोग हर वर्ष इस मीनार को देखने आते हैं। यह सफेद संगमरमर से बनी है। आधार पर इसकी दीवारों की मोटाई लगभग 4 मीटर है। इसकी आठ मंजिलें हैं और यह 55 मीटर ऊंची है। ऊपर जाने के लिए इसमें एक सीढ़ी है। जब कोई आदमी इसकी ऊपरी मंजिल से चारों ओर देखता है तो उसे पीसा शहर और समुद्र का सुन्दर दृश्य दिखाई देता है। अब प्रश्न उठता है कि यह पीसा मीनार झुकी हुई क्यों हैं और झुकी होने पर भी यह गिर क्यों नहीं जाती?

पीसा की मीनार कितनी झुकी है और यह कब बनी थी
यह मीनार लगभग 5 मीटर झुकी हुई है। यदि इसकी चोटी से कोई गेंद जमीन पर गिरायी जाये तो वह मीनार के आधार से 5 मीटर दूर गिरेगी। इस मीनार का निर्माण कार्य 1174 ई. में शुरू हुआ और 1350 ई. में पूरा हुआ। जब इसका निर्माण शुरू हुआ था उस समय किसी को भी उम्मीद न थी कि यह झुक जाएगी। लेकिन तीसरी मंजिल के निर्माण के समय ही यह झुकना शुरू हो गई। इसका कारण यह था कि इसकी नींव (Foundation ) बालू युक्त जमीन पर रखी गयी थी। इसका एक भाग जमीन में धंस जाने से इसमें झुकाव आ गया। उस समय इसके निर्माण की योजना में कुछ परिवर्तन करके मीनार को पूरा बना दिया गया। पिछले 100 वर्षों में मीनार का झुकाव 30 सेमी० और भी बढ़ गया है।
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पीसा की मीनार कब गिरेगी
अब प्रश्न उठता है कि यह मीनार गिर क्यों नहीं जाती। विज्ञान के एक सिद्धांत के अनुसार कोई भी वस्तु तब तक स्थिर रहती है जब तक कि उसके गुरुत्वकेन्द्र से खींची गई ऊर्ध्वाधर रेखा वस्तु के आधार से गुजरती है। गुरुत्व केन्द्र वस्तु का वहं बिन्दु होता है जहां उसका समस्त द्रव्यमान (Mass) केन्द्रित रहता है। अभी तक इस मीनार के गुरुत्व केन्द्र से खींची गई ऊर्ध्वाधर रेखा आधार से गुजरती है इसलिए यह मीनार स्थिर है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि भक्ते झुकते जैसे ही यह रेखा इसके आधार से बाहर निकल जायेगी यह मीनार गिर जायेगी। कुछ इंजीनियरों का विचार है कि झुकते-झुकते यह मीनार एक न एक दिन अवश्य ही गिर जायेगी।