प्रेशर कुकर रसोई में इस्तेमाल होने वाला एक ऐसा आधुनिक उपकरण है जिसमें प्रायः सभी प्रकार का खाना थोड़ी ही देर में पक जाता है। इससे समय की बचत के साथ-साथ ईंधन की भी बचत हो जाती है। एक और लाभ यह है कि इसमें भोजन पकाने से भोजन के पोषक तत्व भी नष्ट नहीं होते हैं। क्या तुम जानते हो कि प्रेशर कुकर कैसे काम करता है?

प्रेशर कुकर कैसे काम करता है
हम जानते हैं कि निश्चित वायुमण्डलीय दबाव पर हर द्रव पदार्थ के उबलने का एक निश्चित तापमान होता है। सामान्य वायुमण्डलीय दबाव पर इस तापमान को उस द्रव का क्वथनांक (Boiling point) कहते हैं। लगातार गर्म करने पर सभी द्रव पदार्थ उबलने लगते हैं। सामान्य दबाव पर पानी 100° सेन्टीग्रेड तापमान पर उबलता है। वैज्ञानिक परीक्षणों से यह देखा गया है कि किसी द्रव पदार्थ की सतह पर दबाव बढ़ाने से उसका क्वथनांक भी बढ़ जाता है।
इसी प्रकार दबाव के कम होने पर द्रव का क्वथनांक भी कम हो जाता है। पहाड़ों पर वायु का दबाव कम हो जाता है। अतः वहाँ पर पानी 100° सेन्टीग्रेड से नीचे उबलने लगता है। यही कारण है कि पहाड़ों पर खाना पकाने में अधिक समय लगता है।
प्रेशर कुकर का सिद्धांत
वायु के दबाव के बढ़ने के साथ-साथ क्वथनांक के बढ़ने के गुण को प्रेशर कुकर के निर्माण में प्रयोग में — लाया गया है। प्रेशर कुकर एल्यूमिनियम या स्टेनलेस स्टील से बना एक बर्तन होता है। इसका एक ढक्कन होता है। ढक्कन के ऊपर एक दाबनियंत्रक वाल्व लगा होता है। ढक्कन और बर्तन के बीच में रबर की एक रिन्ग लगी होती है जो अंदर बनी हुई पानी की भाप को बाहर नहीं निकलने देती। कुकर को उठाने के लिए इसमें एक हैन्डल लगा होता है।
जब कुकर में कोई चीज पकानी होती है तो कुकर में उस वस्तु को पानी के साथ रखकर और ढक्कन बंद करके इसे आग पर रख दिया जाता है। गर्म करने से कुकर में पानी की भाप बनती है। उस भाप के कारण ककर में दबाव बढ़ता रहता है। जैसे-जैसे दबाव बढ़ता है पानी का क्वथनांक 100°C से बढ़कर 130°C तक पहंच जाता है। यही कारण है कि कुकर में चीजें थोड़ी ही देर में पक जाती हैं। जब प्रेशर ककर के अंदर का दबाव एक सीमा से अधिक बढ़ जाता है तो नियंत्रण वाल्व अपने-आप उठ जाता है,जिससे अंदर की भाप बाहर निकल जाती है और दबाव नियंत्रित हो जाता है, इससे कुकर.के बर्तन के फटने का डर नहीं रहता।
प्रेशर कुकर का उपयोग और सावधानियां
पेशर ककर महिलाओं के लिए बहुत ही उपयोगी घरेलू उपकरण है। लेकिन इसके प्रयोग में कछ सावधानियां बरतना अत्यन्त आवश्यक है। यदि कुछ देर गर्म करने पर कुकर में सीटी नहीं आती तो वाल्व को जरा लाकर देख लेना चाहिए। खोलते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। पहले वाल्व को चिमटा आदि से पर करके अन्दर की भाप निकाल देनी चाहिए और उसके बाद ही ढक्कन खोलना चाहिए।