मनुष्य एक गर्म रक्त वाला (Warm- blooded) प्राणी है। सर्दी, बरसात और गर्मी–सभी मौसमों में इसके शरीर का तापमान स्थिर रहता है। इसके शरीर के तापमान पर बाहरी वातावरण के तापमान से कोई परिवर्तन नहीं होता। स्वस्थ मनुष्य के शरीर का तापमान 37° सेल्सियस (98.6°F) रहता है। इसी तापमान के कारण मनुष्य का शरीर गर्म रहता है। अब प्रश्न उठता है कि यह हमारा शरीर गर्म क्यों रहता है?

हमारा शरीर हमेशा गर्म क्यों रहता है
मनुष्य के शरीर को गर्मी भोजन से प्राप्त होती है। जो खाना हम खाते हैं वह शरीर में आक्सीकरण (Oxidation) की क्रिया द्वारा ऊष्मा ऊर्जा में बदल जाता है। यह क्रिया एक प्रकार की दहन (Combustion) क्रिया है। जिस प्रकार ईंधनों के जलने से ऊष्मा पैदा होती हैउसी प्रकार इस क्रिया में भी ऊष्मा पैदा होती है,अन्तर केवल इतना है कि इस क्रिया में रोशनी पैदा नहीं होती। भोजन से पैदा हुई ऊर्जा के द्वारा ही शरीर समस्त कार्य करता है। एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में लगभग 2500 कैलोरी ऊर्जा प्रतिदिन पैदा होती है। इसी ऊर्जा से शरीर द्वारा विभिन्न कार्य होते रहते हैं और शरीर गर्म भी रहता है।
अधिक गर्मी से शरीर में होने वाले लक्षण
अधिक गर्मी से इंसान के शरीर में अनेक प्रकार के लक्षण हो सकते हैं जो की इस प्रकार है।
- सिर में दर्द
- पसीना आना
- चक्कर आना
- आँखों में जलन होना
- कमजोरी महसूस होना
- बेहोशी
- त्वचा पर फोड़े होना
- पेट में अल्सर हो जाना
- हाथ और पैर में जलन रहना
- घबराहट होना
शरीर हमेशा गर्म रहने का कारण
जव मस्तिष्क के ताप नियंत्रक केन्द्र में कोई गड़बड़ी पैदा हो जाती है तो मनुष्य को कंपकंपी आने लगती है या बुखार हो जाता है। गर्म करने वाले केन्द्र की गड़बड़ी से शरीर में कंपकंपी होने लगती है और ठंड महसूस होने लगती है। ठंडक पैदा करने वाले केन्द्र की गड़बड़ी से हमें बुखार हो जाता है। शरीर के गर्म रहने से सदा ही हमारे शरीर से ऊष्मा विकिरण द्वारा बाहर निकलती रहती है। जब हम किसी गद्दे या दूसरी वस्तु पर कुछ देर तक बैठते हैं तो शरीर से निकलने वाली इसी गर्मी से वह वस्तु हल्की सी गर्म हो जाती है। शरीर गर्म रहने का कारण इस प्रकार है :-
- धूप में ज्यादा समय पर रहना या चलना।
- देर तक एक्सरसाइज करना।
- अधिक समय तक गर्म स्थानों पर रहना।
- शरीर डिहाइड्रेशन होना।
- अधिक मसाले वाले भोजन का सेवन करना।
- नशीले पदार्थों का सेवन करना।
शरीर का तापमान स्थिर कैसे रहता है
हमारे शरीर के तापमान को स्थिर रखने का काम मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होता है। हमारे मस्तिष्क में तापमान नियंत्रण का एक हिस्सा होता है जिसे तापमान केन्द्र (Temperature Centre) कहते हैं। इसके तीन हिस्से होते हैं। पहला नियंत्रण केन्द्र जो तापमान को सामान्य से अधिक या कम नहीं होने देता। दसरा गर्म करने वाला केन्द्र जो तापमान कम होने पर उसे सामान्य तापमान तक लाने का काम करता है और तीसरा ठडक पैदा करने वाला केन्द्र जो शरीर का तापमान बढ़ने पर सामान्य तापमान तक लाने का काम करता है। ये तीनों केन्द्र शरीर के तापमान को स्थिर बनाए रखते हैं।
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शरीर के तापमान को नियंत्रित कैसे करे
स्वस्थ मनुष्य के शरीर का तापमान 37° सेल्सियस (98.6°F) होना चाहिए। जो की वास्तविक रूप से माना जाता है। मसालेदार भोजन और नशीले पदार्थ आदि ऐसी चीज़ें हैं, जिनसे एक इंसान को दूर रहना चाहिए क्योंकि ये खाद्य पदार्थ आपके शरीर को अंदर से गर्म करते हैं। और कभी-कभी बीमारियों और दवाओं के कारण से भी शरीर की गर्मी में इज़ाफ़ा होता है। अगर किसी कारण से ऐसा होता है की शरीर का तापमान बहुत ज़्यादा हो जाता है तो ऐसा होने से शरीर को बहुत क्षति पहुचती है। अगर आप अपने शरीर को ठंडा रखना चाहते है तो जंक फूड, मसालेदार भोजन, नशीले पदार्थ से दूर रहे. और ठंडे पदार्थो का सेवन करे जो इस प्रकार है :-
- विटामिन सी वाले आहार खाएं
- तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन करें
- चंदन का लेप लगाये
- ठंडे दूध का सेवन करे
- नारियल पानी पिये
- ठंडे स्थान पर रहें
- प्राणायाम करें